आईवीएफ इंजेक्शन की पूरी जानकारी पाएं (2026)
आईवीएफ इंजेक्शन वे दवाएं हैं जो महिलाओं के शरीर में हार्मोन को नियंत्रित करके अंडों के सही विकास में मदद करती हैं। इनका उद्देश्य अंडाशय (overy) को स्टिमुलेट करना और कई स्वस्थ अंडे बनाना होता है ताकि IVF प्रक्रिया की सफलता बढ़ सके। ये इंजेक्शन अंडों की ग्रोथ, ओव्यूलेशन को रोकने और सही समय पर अंडों की परिपक्वता के लिए हार्मोनल सपोर्ट देते हैं। आईवीएफ इंजेक्शन IVF treatment, controlled ovarian stimulation और egg development का मुख्य हिस्सा हैं, जो पूरी प्रक्रिया को सुरक्षित और नियंत्रित बनाते हैं.
आईवीएफ में कितने इंजेक्शन लगते हैं?
आईवीएफ में आमतौर पर 25 से 35 इंजेक्शन लगते हैं। यह संख्या तय नहीं होती क्योंकि हर महिला की बॉडी, हार्मोन लेवल और अंडों की प्रतिक्रिया अलग होती है।
शुरुआत में रोज़ाना स्टिमुलेशन इंजेक्शन दिए जाते हैं, जिनका काम अंडाशय को कई अंडे बनाने के लिए सक्रिय करना होता है।
स्टिमुलेशन चरण लगभग 10 दिन चलता है और इसी दौरान ज्यादातर इंजेक्शन दिए जाते हैं। इसके बाद एंटागोनिस्ट इंजेक्शन लगाए जाते हैं ताकि ओव्यूलेशन समय से पहले न हो। जब अंडे पूरी तरह बन जाते हैं, तब अंतिम ट्रिगर इंजेक्शन दिया जाता है जो अंडों को परिपक्व करता है।
कुछ महिलाओं को एग रिट्रीवल के बाद प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन भी मिलते हैं ताकि गर्भाशय की लाइनिंग को सपोर्ट मिल सके। इसलिए कुल इंजेक्शनों की संख्या व्यक्ति की मेडिकेशन डोज, प्रतिक्रिया और चुने गए IVF प्रोटोकॉल पर निर्भर करती है.
आईवीएफ में दिए जाने वाले इंजेक्शनों के प्रकार
आईवीएफ में मुख्य रूप से चार प्रकार के इंजेक्शन दिए जाते हैं – स्टिमुलेशन इंजेक्शन, Antagonist इंजेक्शन, Trigger shot इंजेक्शन, प्रोजेस्टेरोन सपोर्ट इंजेक्शन.
IVF Injection Comparison Table
हर IVF इंजेक्शन का काम अलग होता है और पूरा उपचार इन ही दवाओं पर आधारित होता है।
Injection Type | Purpose | Typical Days Used |
Stimulation Injections (FSH, HMG) | कई अंडों की ग्रोथ और ओवरी स्टिमुलेशन | 7–12 days |
Antagonist Injections | समय से पहले ओव्यूलेशन रोकना | स्टिमुलेशन के दिन 6 से शुरू |
Trigger Injection (hCG/Lupron) | अंडों की अंतिम परिपक्वता और ओव्युलेशन टाइमिंग | 1 dose |
Progesterone Injection (IM) | गर्भाशय की lining को सपोर्ट | 2–10 weeks (case dependent) |
नीचे हर इंजेक्शन को सरल भाषा में समझाया गया है।
1. स्टिमुलेशन इंजेक्शन FSH और HMG:
ये इंजेक्शन अंडाशय को स्टिमुलेट करते हैं ताकि एक की जगह कई अंडे विकसित हो सकें। IVF में यही सबसे ज़्यादा दिनों तक दिए जाते हैं। इनमें FSH और HMG जैसे हार्मोन होते हैं जो अंडों की ग्रोथ को नियंत्रित करते हैं और रोजाना लगाए जाते हैं।
2. Antagonist इंजेक्शन:
ये इंजेक्शन ओव्यूलेशन को समय से पहले होने से रोकते हैं। इन्हें स्टिमुलेशन के बीच में तब शुरू किया जाता है जब फॉलिकल एक निश्चित साइज तक बढ़ जाते हैं। इनका काम LH surge को रोकना है ताकि अंडे सही समय पर ही निकाले जा सकें।
3. Trigger इंजेक्शन hCG या Lupron:
आईवीएफ ट्रिगर शॉट एक हार्मोनल इंजेक्शन है जो ओव्यूलेशन को प्रेरित करने और अंडों को परिपक्व करने के लिए दिया जाता है ताकि उन्हें आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान निकाला जा सके। यह मानव कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (hCG) जैसे हार्मोन से बना होता है और यह अंडाशय में रोमों (follicles) को परिपक्व होने और निषेचन के लिए तैयार होने में मदद करता है। इस शॉट को अंडाणु पुनर्प्राप्ति (egg retrieval) से लगभग 34 से 36 घंटे पहले लगाया जाता है।
4. प्रोजेस्टेरोन सपोर्ट इंजेक्शन
एग रिट्रीवल के बाद गर्भाशय की लाइनिंग को मजबूत बनाने के लिए प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन दिए जाते हैं। यह हार्मोन शुरुआती गर्भधारण को सपोर्ट करता है और IVF प्रक्रिया की सफल implantation में मदद करता है।
स्टिमुलेशन इंजेक्शन कैसे काम करते हैं?
स्टिमुलेशन इंजेक्शन अंडाशय को एक साथ कई अंडे विकसित करने के लिए सक्रिय करते हैं। ये इंजेक्शन FSH और LH जैसे हार्मोन को नियंत्रित करते हैं, जिससे follicles तेज़ी से बढ़ते हैं और IVF के लिए ज़रूरी mature eggs तैयार होते हैं। शरीर इन हार्मोन्स को जल्दी degrade कर देता है, इसलिए रोज़ाना डोज देना जरूरी होता है। आमतौर पर स्टिमुलेशन चरण 7 से 12 दिन चलता है, जिसमें daily subcutaneous injections दिए जाते हैं। स्टिमुलेशन इंजेक्शन डोज 75 IU से 450 IU तक बदल सकती है, जो follicle growth और hormonal reports पर निर्भर रहती है।
आईवीएफ इंजेक्शन कब और कैसे लगाए जाते हैं
IVF में ज्यादातर इंजेक्शन रोज़ाना एक ही समय पर लगाए जाते हैं ताकि हार्मोन लेवल स्थिर रहे। इन्हें सुबह या शाम दोनों समय लिया जा सकता है, लेकिन टाइमिंग रोज़ समान रहनी चाहिए। ज्यादातर दवाएं subcutaneous होती हैं, जिन्हें पेट या जांघ में खुद लगाया जा सकता है। चाहें तो मरीज क्लिनिक में भी लगवा सकता है। सही injection technique बहुत जरूरी है, क्योंकि गलत depth या angle से दवा ठीक से absorb नहीं होती और प्रभाव कम हो सकता है। छोटे needle वाले SC injections आमतौर पर आसान और patient friendly होते हैं।
क्या IVF इंजेक्शन दर्द करते हैं
IVF इंजेक्शन आमतौर पर हल्की चुभन या जलन जैसे महसूस होते हैं। दर्द का स्तर बहुत कम होता है, क्योंकि अधिकतर इंजेक्शन छोटी subcutaneous needle से लगाए जाते हैं। स्टिमुलेशन और antagonist इंजेक्शन में हल्की सूजन या जलन सामान्य है। प्रोजेस्टेरोन जैसे intramuscular injections में थोड़ी ज्यादा असहजता हो सकती है। दर्द कम करने के लिए injection site बदलना, बर्फ का हल्का इस्तेमाल करना और रुम टेम्परेचर दवा लगाना उपयोगी होता है। अधिकतर महिलाएं कुछ ही दिनों में इन इंजेक्शनों के प्रति सहज हो जाती हैं।
इंजेक्शन शेड्यूल को कैसे फॉलो करें?
IVF में इंजेक्शन सही समय पर लेना बहुत जरूरी है क्योंकि हार्मोन लेवल स्थिर रहने पर ही स्टिमुलेशन ठीक से काम करता है। रोज़ाना एक ही टाइम पर दवा लेने से follicles का विकास नियंत्रित रहता है और cycle smooth चलता है। आप IVF इंजेक्शन शेड्यूल को इस तरह फॉलो कर सकते हैं:
ऐप या कैलेंडर से डेली ट्रैकिंग
अलार्म या रिमाइंडर सेट करें
मिस्ड डोज पर तुरंत डॉक्टर को बताएं
टाइमिंग हर दिन एक जैसी रखें
दवा पहले से कमरे के तापमान पर रखें
ट्रैवल के समय बैग में सभी दवाएं रखें
IVF इंजेक्शन के साइड इफेक्ट क्या हो सकते हैं?
IVF इंजेक्शन से हल्के और सामान्य साइड इफेक्ट महसूस हो सकते हैं क्योंकि शरीर में FSH, LH और अन्य हार्मोन्स की मात्रा बदलती रहती है। अधिकतर लक्षण हल्के होते हैं और कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ स्थितियों में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना जरूरी है। सामान्य साइड इफेक्ट हैं –
हल्का पेट दर्द या सूजन
इंजेक्शन साइट पर लालपन
हल्की मतली या थकान
मूड बदलना या सिरदर्द
पेट में भारीपन
हल्की जलन या चुभन
अगर आपको ऐसा कुछ देखने को मिलता है या महसूस होता है तो फिर डॉक्टर से संपर्क करें:
तेज पेट दर्द या सांस लेने में मुश्किल
तेजी से पेट फूलना या वजन बढ़ना
लगातार उल्टी
पेशाब कम होना
सीने में दर्द या चक्कर
IVF इंजेक्शन लेने पर शरीर में हार्मोन लेवल तेजी से बदलते हैं, जिससे कई प्राकृतिक प्रक्रियाएं प्रभावित होती हैं। स्टिमुलेशन इंजेक्शन follicles को तेज़ी से बढ़ने में मदद करते हैं, इसलिए अंडाशय में एक साथ कई follicles विकसित होते हैं। इसी दौरान estrogen लेवल भी बढ़ता है, जो IVF प्रक्रिया का सामान्य हिस्सा है।
एंटागोनिस्ट इंजेक्शन ओव्यूलेशन को समय से पहले रोकते हैं ताकि अंडे सही समय पर ही तैयार हों। इन हार्मोनल बदलावों के कारण शरीर में हल्का fluid retention हो सकता है, जिससे पेट में heaviness या हल्का bloating महसूस होना सामान्य माना जाता है।
IVF इंजेक्शन और Ovarian Hyperstimulation Syndrome (OHSS)
OHSS एक ऐसी स्थिति है जिसमें अंडाशय जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया देते हैं और बहुत अधिक follicles बन जाते हैं। इससे अंडाशय में सूजन, पेट में पानी भरना और असहजता महसूस हो सकती है। IVF स्टिमुलेशन इंजेक्शन के दौरान यह जोखिम बढ़ जाता है क्योंकि gonadotropins follicles की तेज ग्रोथ करवाते हैं।
कुछ महिलाओं में OHSS का जोखिम अधिक होता है। जिनकी AMH उच्च हो, AFC ज्यादा हो, या PCOS हो, उनमें अंडाशय स्टिमुलेशन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं। अगर follicles 17 से ज्यादा हो जाएं या estrogen 3500 pg/ml से ऊपर पहुंच जाए, तो OHSS की संभावना बढ़ जाती है।
इसी कारण इंजेक्शन की डोज को नियमित मॉनिटरिंग से समायोजित किया जाता है। डॉक्टर अल्ट्रासाउंड और हार्मोन रिपोर्ट के आधार पर रोज़ाना दवाओं की मात्रा बदलते हैं।ताकि अंडाशय की प्रतिक्रिया नियंत्रित रहे। यह सतर्कता OHSS को रोकने का मुख्य तरीका है सावधानी के रूप में भारीपन, तेज़ पेट दर्द, उल्टी या सांस लेने में दिक्कत होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। कुछ मामलों में hCG की जगह GnRH agonist trigger देकर भी OHSS का जोखिम कम किया जाता है।
प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन क्यों जरूरी होते हैं?
प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन IVF में गर्भ को शुरुआती चरण में सपोर्ट देने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। एग रिट्रीवल के बाद शरीर की प्राकृतिक प्रोजेस्टेरोन मात्रा कम हो जाती है, इसलिए बाहरी सपोर्ट जरूरी होता है ताकि गर्भाशय की लाइनिंग स्थिर और receptive बनी रहे।
इस सपोर्ट को Luteal Phase Support कहा जाता है। इसका उद्देश्य uterine lining को मजबूत और स्थिर रखना है ताकि embryo आसानी से इम्प्लांट हो सके। IVF में यह फेज अत्यधिक संवेदनशील होता है, इसलिए प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन या सपोसिटरी नियमित रूप से दिए जाते हैं। कई मामलों में estrogen भी साथ दिया जाता है ताकि हार्मोन बैलेंस बना रहे।
यदि गर्भ ठहर जाता है, तो प्रोजेस्टेरोन 8 से 10 सप्ताह तक दिया जाता है। यह अवधि placenta के पूरी तरह विकसित होने तक का समय कवर करती है क्योंकि placenta बनने से पहले गर्भ को पूरी तरह प्रोजेस्टेरोन सपोर्ट पर निर्भर रहना पड़ता है।
इंजेक्शन की जगह पर दर्द या सूजन होता है ?
IVF इंजेक्शन की जगह पर हल्का दर्द या सूजन होना सामान्य है क्योंकि दवा त्वचा के नीचे या मांसपेशी में जाती है। स्टिमुलेशन और antagonist इंजेक्शन subcutaneous होते हैं, इसलिए इनके बाद लालपन या जलन थोड़े समय के लिए महसूस हो सकती है। यह दवा के अवशोषण और छोटे needle prick के कारण होता है।
सामान्य संकेतों में हल्की सूजन, जलन, नीला निशान या हल्की गर्माहट शामिल होती है। ये लक्षण कुछ घंटों से एक दिन में ठीक हो जाते हैं। लेकिन अगर दर्द बढ़ता जाए, त्वचा बहुत गर्म लगे, तेज़ सूजन हो या पस जैसा डिस्चार्ज दिखे तो यह असामान्य माना जाता है और तुरंत डॉक्टर को बताना चाहिए।
घर पर राहत के लिए कुछ आसान तरीके मददगार होते हैं। इंजेक्शन लगने से पहले और बाद में ice pack का हल्का इस्तेमाल, हर दिन injection site बदलना, और दवा को room temperature पर लाना दर्द कम कर सकता है। मुलायम हाथों से area को साफ रखना और tight कपड़े न पहनना भी आराम देता है।
IVF इंजेक्शन की कीमत भारत (इंडिया) में
IVF इंजेक्शन की लागत हर मरीज के प्रोटोकॉल, डोज और उपयोग की गई दवाओं के आधार पर बदलती है। प्रति इंजेक्शन कीमत अलग हो सकती है क्योंकि हर दवा की यूनिट स्ट्रेंथ और ब्रांड अलग होता है। स्टिमुलेशन में इस्तेमाल होने वाली gonadotropin दवाएं, जैसे FSH या HMG, आमतौर पर महंगी श्रेणी में आती हैं और डोज बढ़ने पर कुल खर्च भी बढ़ता है।
इंजेक्शन खुद लगाना या क्लिनिक में लगवाना चाहिए
VF इंजेक्शन ज्यादातर subcutaneous होते हैं, जिन्हें मरीज खुद घर पर लगा सकते हैं। खुद लगाने के फायदे यह हैं कि समय पर डोज लेना आसान हो जाता है और बार बार क्लिनिक जाने की जरूरत नहीं पड़ती। छोटी needle होने के कारण ये injection technique सीखना भी सरल होता है।
कुछ स्थितियों में क्लिनिक में इंजेक्शन लगवाना सुरक्षित रहता है, जैसे IM injections या जब मरीज अनिश्चित हो कि दवा सही तरह से लग रही है या नहीं। क्लिनिक में trained nurse सही depth और angle से इंजेक्शन देती है, जिससे दवा ठीक से absorb होती है।
स्वच्छता और स्टोरेज नियम हमेशा जरूरी होते हैं। दवा को निर्देशानुसार room temperature या refrigerated form में रखना चाहिए। हर बार नई सुई का उपयोग, injection site की सफाई और दवा को समय से पहले बाहर निकालना सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
IVF पेन इंजेक्शन क्या होते हैं?
IVF पेन इंजेक्शन एक pre-filled या adjustable dosing pen device होती है, जिससे दवा लगाना और भी आसान हो जाता है। यह उसी तरह काम करती है जैसे diabetes insulin pens, यानी डोज घुमाकर सेट की जाती है और फिर छोटी needle से इंजेक्शन दिया जाता है। यह तरीका subcutaneous injections को अधिक सरल और कम दर्दनाक बनाता है।
पेन इंजेक्शन को आसान इसलिए माना जाता है क्योंकि इसमें दवा मापने, ampoule भरने या syringe तैयार करने की जरूरत नहीं होती। मरीज खुद भी बहुत आसानी से सही डोज लगा सकते हैं, जिससे टाइमिंग पर नियंत्रण बेहतर रहता है।
FSH आधारित दवाएं जैसे recombinant FSH (Gonal-F, Follitropin Alpha) अक्सर पेन फॉर्म में उपलब्ध होती हैं। ये दवाएं stimulation phase में रोज़ाना उपयोग की जाती हैं और IVF प्रक्रिया को patient-friendly बनाती हैं।
IVF इंजेक्शन के दौरान डाइट और लाइफस्टाइल
IVF इंजेक्शन लेते समय शरीर hormonal changes से गुजरता है, इसलिए हल्की और संतुलित लाइफस्टाइल अपनाना जरूरी है। पानी पर्याप्त मात्रा में पीना, पोषक भोजन लेना और हल्की वॉक या movements करना शरीर को support देते हैं। यह routine follicles की ग्रोथ और समग्र स्वास्थ्य के लिए मददगार होता है।
तनाव कम करना IVF परिणामों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके लिए deep breathing, हल्की stretching, पर्याप्त नींद और emotional support मदद कर सकते हैं। अधिक चिंता या stress hormones IVF की hormonal balance को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए शांत और आरामदायक दिनचर्या फायदेमंद रहती है।
IVF इंजेक्शन के बाद किन चीज़ों का ध्यान रखें
IVF इंजेक्शन लेने के बाद शरीर हार्मोनल बदलावों से गुजरता है, इसलिए आराम को प्राथमिकता देना जरूरी है। हल्की वॉक या सामान्य गतिविधियाँ ठीक रहती हैं, लेकिन भारी व्यायाम, दौड़ या तनावपूर्ण काम से दूर रहना चाहिए। यह सलाह IVF प्रक्रिया के दौरान बताए गए activity restrictions से मेल खाती है।
पानी पर्याप्त मात्रा में पीना बहुत महत्वपूर्ण है। स्टिमुलेशन के दौरान estrogen स्तर बढ़ता है और fluid retention हो सकता है, इसलिए hydration शरीर को संतुलित रखने में मदद करता है। हल्का bloating या पेट में heaviness सामान्य माना जाता है, लेकिन कुछ लक्षणों पर सतर्क रहना आवश्यक है।
यदि तेज पेट दर्द, अचानक सूजन, सांस लेने में कठिनाई, लगातार उल्टी, या बहुत कम पेशाब जैसे लक्षण दिखें, तो यह OHSS का संकेत हो सकता है और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। गलतियों से बचने के लिए इंजेक्शन शेड्यूल न चूकें, दवा समय पर लें, और हर बार साफ सुई का उपयोग करें। दवाओं को सही तापमान पर स्टोर करना भी बहुत जरूरी है।
पुरुषों के लिए IVF इंजेक्शन
पुरुषों को IVF इंजेक्शन बहुत कम स्थितियों में दिए जाते हैं। आमतौर पर IVF में इंजेक्शन महिलाओं के लिए आवश्यक होते हैं, लेकिन दुर्लभ मामलों में पुरुषों को हार्मोनल सपोर्ट या spermatogenesis सुधारने के लिए दवाएं दी जा सकती हैं।
कुछ परिस्थितियाँ ऐसी होती हैं जहाँ पुरुषों के हार्मोन स्तर असंतुलित होते हैं। जैसे FSH या LH कम होना, जिससे स्पर्म का विकास प्रभावित होता है। ऐसे में हार्मोन बैलेंस बहाल करने के लिए injectables या hormonal therapy दी जाती है, जिससे testicular function मजबूत हो सके।
इन इंजेक्शनों का उद्देश्य स्पर्म क्वालिटी में सुधार करना होता है। सही हार्मोन स्तर sperm count, motility और maturation को बेहतर बना सकते हैं। हालांकि ऐसी थेरेपी हर पुरुष को नहीं दी जाती, बल्कि केवल विशेष क्लिनिकल जरूरतों में उपयोग की जाती है।
क्या सभी महिलाओं को IVF इंजेक्शन में एक जैसी डोज मिलती है?
नहीं, IVF में हर मरीज को एक जैसी डोज नहीं मिलती। दवा की मात्रा पूरी तरह उनके हार्मोन लेवल, उम्र, अंडाशय की प्रतिक्रिया और follicles की ग्रोथ पर निर्भर करती है। स्टिमुलेशन इंजेक्शन की डोज 75 IU से 450 IU तक बदल सकती है और इसे रोज़ाना अल्ट्रासाउंड व estrogen रिपोर्ट के आधार पर समायोजित किया जाता है। High AMH और PCOS वाली महिलाओं को कम डोज दी जाती है ताकि over-response न हो, जबकि low-reserve मरीजों को अधिक डोज की जरूरत पड़ सकती है। यही वजह है कि IVF में personalised dosing सबसे महत्वपूर्ण होती है।
क्या घर पर IVF इंजेक्शन लगाना सुरक्षित है?
हाँ, IVF के ज्यादातर injection घर पर सुरक्षित रूप से लगाए जा सकते हैं, क्योंकि वे subcutaneous होते हैं और छोटी needle से दिए जाते हैं। मरीज या उनका साथी थोड़ी ट्रेनिंग के बाद आसानी से ये इंजेक्शन लगा सकते हैं। इंजेक्शन को एक ही समय पर लेना जरूरी है ताकि हार्मोन लेवल स्थिर रहे।
सुरक्षा के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जैसे नई सुई का उपयोग, injection site की सफाई, और दवा को सही तापमान पर स्टोर करना। Intramuscular injections, जैसे प्रोजेस्टेरोन, चाहें तो क्लिनिक में भी लगवाए जा सकते हैं।
क्या इंजेक्शन मिस होने पर IVF फेल हो सकता है?
हाँ, IVF में इंजेक्शन मिस होना जोखिम पैदा कर सकता है क्योंकि इंजेक्शन का शेड्यूल हार्मोन लेवल को सटीक समय पर नियंत्रित करने के लिए बनाया जाता है। यदि स्टिमुलेशन इंजेक्शन मिस हो जाए, तो follicles की ग्रोथ प्रभावित हो सकती है। अगर antagonist इंजेक्शन छूट जाए, तो premature ovulation का खतरा बढ़ जाता है। Trigger इंजेक्शन मिस करना या गलत समय पर लेना egg retrieval को सीधे प्रभावित करता है और cycle रद्द भी हो सकता है। इसलिए कोई भी डोज छूटने पर तुरंत डॉक्टर को बताना और निर्देशानुसार अगला कदम लेना जरूरी है।
IVF इंजेक्शन की कुल लागत कितनी होती है?
IVF इंजेक्शनों की कुल लागत कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे दवा की डोज, मरीज की ओवरी की प्रतिक्रिया, चुना हुआ प्रोटोकॉल और दवाओं की अवधि। स्टिमुलेशन फेज में रोज़ाना gonadotropin इंजेक्शन दिए जाते हैं। डोज बढ़ने पर लागत भी बढ़ती है, जबकि good responders में खर्च कम हो सकता है। एक IVF इंजेक्शन की कीमत ₹2,000 से शुरू होकर ₹70,000 तक जा सकती है।
1. हार्मोनल स्टिमुलेशन इंजेक्शन
ये सबसे महंगे इंजेक्शन होते हैं क्योंकि IVF में follicles की ग्रोथ इन्हीं पर निर्भर करती है। इनकी लागत ₹60,000 से ₹70,000 प्रति चक्र तक हो सकती है। यह खर्च मरीज की डोज, दवा की ब्रांड और शरीर की प्रतिक्रिया पर आधारित होता है।
2. दमनकारी इंजेक्शन (Ovulation रोकने के लिए)
इनकी लागत लगभग ₹2,000 प्रति चक्र होती है।ये इंजेक्शन ओव्यूलेशन को समय से पहले रोकते हैं ताकि अंडे ट्रिगर के समय पर ही परिपक्व हों।
3. ट्रिगर इंजेक्शन (hCG या Lupron)
इनकी लागत ब्रांड पर निर्भर करती है और आमतौर पर ₹3,000 से ₹6,000 के बीच हो सकती है। यह इंजेक्शन अंडों की अंतिम परिपक्वता के लिए दिया जाता है।
4. Embryo Glue Injection
यह इंजेक्शन केवल विशेष मामलों (बार बार IVF फेल, embryo quality कम) में दिया जाता है और इसकी लागत लगभग ₹10,000 होती है
यहाँ बताये गये लागत बदल सकती है। कुल खर्च कैसे बदलता है:
दवा की कुल अवधि 7–12 दिन होने के कारण खर्च बदलता है
डोज जितनी अधिक होगी, ampoule उतने अधिक लगेंगे
शरीर की प्रतिक्रिया पर लागत कम या ज्यादा हो सकती है
कुछ IVF पैकेज दवाओं को शामिल करते हैं, कुछ अलग चार्ज करते हैं
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Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। किसी भी दवा, इंजेक्शन या उपचार को बिना डॉक्टर की सलाह और प्रिस्क्रिप्शन के उपयोग न करें।