To Book an Appointment
+91 9814401991

गर्भावस्था में खुजली क्यों होती है? कारण, लक्षण और उपचार

Table of Contents

    गर्भावस्था के दौरान खुजली एक बहुत सामान्य समस्या है, जो कई महिलाओं को परेशान करती है। चिकित्सा अध्ययनों के अनुसार, लगभग 14–23% गर्भवती महिलाएँ खुजली का अनुभव करती हैं। इससे उनकी नींद और दैनिक जीवन प्रभावित होता है। इसके अलावा, 90% से अधिक महिलाओं को pregnancy के दौरान किसी न किसी रूप में skin changes जैसे त्वचा का खिंचना, dryness या sensitivity का सामना करना पड़ता है । अक्सर यह खुजली harmless होती है, लेकिन कुछ मामलों में यह Intrahepatic Cholestasis of Pregnancy (ICP) जैसी गंभीर liver disorder का शुरुआती संकेत भी हो सकती है।IVF pregnancy और high-risk pregnancy में खुजली को हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि इन मामलों में hormonal exposure, liver stress और complications की संभावना और बढ़ जाती है। हालांकि सही समय पर diagnosis और monitoring से मां और बच्चे दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

    गर्भावस्था में खुजली के सामान्य कारण

    गर्भावस्था में खुजली अक्सर सामान्य शारीरिक बदलावों की वजह से होती है। यह ज़रूरी नहीं कि हर खुजली किसी गंभीर समस्या का संकेत हो। अधिकतर मामलों में यह त्वचा खिंचने, हार्मोनल बदलाव या pregnancy-specific skin conditions से जुड़ी होती है। आइए इसके मुख्य कारणों को विस्तार से समझें।

    1. त्वचा खिंचाव और सूखापन

    जैसे-जैसे गर्भावस्था में पेट और स्तनों की त्वचा खिंचने लगती है, वैसे-वैसे dryness और itching आम हो जाती है। हार्मोनल उतार-चढ़ाव, विशेष रूप से estrogen और progesterone, skin sensitivity को और बढ़ा देते हैं। यही कारण है कि कई महिलाएँ दूसरी और तीसरी तिमाही में अधिक खुजली महसूस करती हैं।

    2. PUPPP Rash

    Polymorphic Eruption of Pregnancy (PUPPP Rash) गर्भावस्था से जुड़ी एक खास skin condition है, जिसमें तीसरे trimester में लाल और खुजलीदार दाने दिखाई देते हैं। यह स्थिति लगभग 1 in 160 pregnancies (~0.6%) में पाई जाती है । अच्छी बात यह है कि यह आमतौर पर harmless होती है और delivery के बाद अपने-आप ठीक हो जाती है।

    3. Prurigo of Pregnancy और Eczema Flare

    कई बार गर्भावस्था में खुजली का कारण Prurigo of Pregnancy या पहले से मौजूद eczema का flare-up भी हो सकता है। एक शोध के अनुसार, 32% non-ICP pruritus cases PUPPP या Prurigo से जुड़े होते हैं। जिन महिलाओं को पहले से eczema की समस्या रही हो, उन्हें pregnancy के दौरान ज्यादा flare-ups का सामना करना पड़ सकता है।

    खुजली के गंभीर कारण जिन्हें तुरंत पहचानना ज़रूरी है

    गर्भावस्था के दौरान खुजली कभी-कभी गंभीर बीमारियों का संकेत भी हो सकती है। सामान्य खुजली और खतरनाक स्थितियों में फर्क पहचानना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि इनका सीधा असर मां और बच्चे दोनों की सुरक्षा पर पड़ता है। खासकर IVF pregnancies और high-risk pregnancies में ऐसी स्थितियों को नज़रअंदाज़ करना खतरनाक हो सकता है। नीचे तीन मुख्य गंभीर कारण बताए जा रहे हैं जिन्हें तुरंत पहचानने और इलाज की आवश्यकता होती है।

    Intrahepatic Cholestasis of Pregnancy (ICP)

    ICP गर्भावस्था से जुड़ा एक लिवर डिसऑर्डर है, जिसमें महिलाओं को हथेलियों और तलवों पर तीव्र खुजली होती है लेकिन कोई rash नहीं दिखता। यह समस्या अक्सर गर्भावस्था के तीसरे trimester में सामने आती है। अंतरराष्ट्रीय अध्ययनों के अनुसार, यूरोप और अमेरिका में ICP का प्रचलन 0.5–1.5% तक है, जबकि भारत में एक अध्ययन (IJRCOG) में यह 5.64% पाया गया। यह स्थिति अक्सर दोबारा भी हो सकती है और recurrence rate 45–70% तक है। IVF treatment in Jalandhar  से गर्भधारण करने वाली महिलाओं में ICP का खतरा लगभग तीन गुना अधिक होता है, खासकर multiple pregnancies के मामलों में। ICP से मां की तुलना में बच्चे को अधिक जोखिम होता है, जैसे preterm birth, stillbirth, fetal distress और meconium-stained amniotic fluid।

    Pemphigoid Gestationis

    Pemphigoid gestationis एक दुर्लभ autoimmune त्वचा रोग है, जिसमें गर्भवती महिला की skin पर अचानक छाले (blisters) और तीव्र खुजली दिखाई देने लगती है। यह आमतौर पर pregnancy के दूसरे या तीसरे trimester में शुरू होता है और तेजी से बढ़ सकता है। यह स्थिति न केवल मां के लिए असुविधाजनक है बल्कि बच्चे की सुरक्षा पर भी असर डालती है। इस रोग में preterm delivery (असमय प्रसव) और शिशु का कम वज़न के साथ जन्म होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि यह condition काफी uncommon है, लेकिन सही समय पर dermatological और obstetric care मिलने पर risk को नियंत्रित किया जा सकता है।

    Acute Fatty Liver of Pregnancy (AFLP)

    AFLP गर्भावस्था की एक अत्यंत दुर्लभ लेकिन जानलेवा बीमारी है। इसमें लिवर की कोशिकाओं में असामान्य मात्रा में वसा (fat) जमा हो जाती है, जिससे लिवर की functioning अचानक बिगड़ने लगती है। इसके लक्षणों में खुजली के साथ nausea, vomiting, fatigue, abdominal pain और jaundice शामिल हैं। यह स्थिति बहुत तेजी से critical हो सकती है और मां एवं बच्चे दोनों की जान खतरे में डाल सकती है। AFLP में तुरंत hospital admission और कई बार emergency delivery ही जीवन बचाने का एकमात्र तरीका होता है। इसी वजह से doctors हमेशा सलाह देते हैं कि अगर खुजली असामान्य लगे और अन्य systemic symptoms भी हों, तो तुरंत जांच करवाई जाए।

    IVF Pregnancy में खुजली का महत्व

    IVF pregnancies को सामान्य गर्भावस्था की तुलना में high-risk माना जाता है क्योंकि इनमें hormonal exposure अधिक होता है और कई बार multiple gestation (जुड़वां या ट्रिपलट्स) की संभावना रहती है। शोध बताते हैं कि IVF से गर्भधारण करने वाली महिलाओं में Intrahepatic Cholestasis of Pregnancy (ICP) ज़्यादा common और कई बार early-onset भी होती है। IVF twin pregnancies में तो preterm delivery और neonatal asphyxia का खतरा और बढ़ जाता है। यही कारण है कि IVF mothers के लिए खुजली जैसे symptoms को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। ऐसे मामलों में नियमित liver monitoring, timely diagnosis और expert medical care अनिवार्य है ताकि मां और शिशु दोनों सुरक्षित रह सकें।

    Diagnosis और कब डॉक्टर से मिलें

    गर्भावस्था में खुजली अगर हल्की हो तो अक्सर घर पर ही साधारण उपायों से ठीक हो सकती है। लेकिन अगर खुजली बहुत तेज़ हो, खासकर रात में नींद खराब करे या हथेलियों-तलवों पर बिना rash वाली खुजली हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना ज़रूरी है। IVF mothers को तो नियमित antenatal visits के साथ extra liver monitoring करवानी चाहिए क्योंकि उनमें complications का खतरा अधिक रहता है। सही diagnosis और timely tests से मां और बच्चे दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
    • हल्की खुजली पर मॉइस्चराइज़र और ढीले कपड़े
    • रात में बढ़ती खुजली को नज़रअंदाज़ न करें
    • हथेलियों और तलवों में खुजली हो तो सतर्क रहें
    • Obstetrician से तुरंत जांच और सलाह लें
    • Liver function test (LFT) नियमित रूप से कराएं
    • Serum bile acids की जांच ज़रूरी है
    • Dermatologist की मदद rash या blisters में लें
    • IVF mothers को extra liver monitoring करवानी चाहिए

    गर्भावस्था में खुजली से राहत और उपचार

    गर्भावस्था में खुजली का इलाज उसके कारण और गंभीरता पर निर्भर करता है। हल्की खुजली को अक्सर घर पर ही मैनेज किया जा सकता है, लेकिन यदि यह लगातार बढ़ती जाए या असामान्य लगे तो डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है। सही उपचार से मां को आराम मिलता है और बच्चे की सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है।

    घरेलू उपाय और स्किन केयर

    हल्की खुजली के लिए सबसे पहले home remedies मददगार साबित होते हैं। महिलाओं को रोज़ाना fragrance-free moisturizers का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि skin hydrated रहे और dryness कम हो। Oatmeal bath या गुनगुने पानी से नहाने से त्वचा को तुरंत soothing effect मिलता है। इसके अलावा, cool showers और loose cotton clothes पहनने से भी काफी आराम मिलता है। ये तरीके पूरी तरह सुरक्षित हैं और अधिकांश गर्भवती महिलाओं में राहत देते हैं।

    दवाइयाँ और टॉपिकल ट्रीटमेंट

    जब खुजली बहुत ज्यादा परेशान करने लगे तो डॉक्टर की सलाह से antihistamines दी जा सकती हैं, जो allergy जैसी खुजली में असरदार होती हैं। कुछ मामलों में mild topical steroids का इस्तेमाल भी कराया जाता है ताकि skin inflammation और irritation कम हो सके। यह ज़रूरी है कि गर्भवती महिलाएँ ये दवाइयाँ केवल डॉक्टर की देखरेख में लें, ताकि बच्चे पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।

    ICP (Intrahepatic Cholestasis of Pregnancy) का इलाज

    यदि खुजली का कारण ICP है, तो सामान्य home remedies काफी नहीं होते। इस स्थिति में standard treatment है Ursodeoxycholic Acid (UDCA), जो liver function और bile acids को regulate करता है और मां को आराम देता है। साथ ही, fetus की safety के लिए weekly fetal monitoring जरूरी होता है। कई गंभीर ICP cases में complications से बचने के लिए डॉक्टर 37–38 सप्ताह पर early delivery की सलाह देते हैं, ताकि baby सुरक्षित जन्म ले सके।

    Rare Conditions: AFLP और Pemphigoid Gestationis

    कुछ दुर्लभ लेकिन खतरनाक स्थितियाँ जैसे Acute Fatty Liver of Pregnancy (AFLP) या Pemphigoid Gestationis (PG) में सिर्फ दवाइयों से काम नहीं चलता। ऐसे मामलों में महिलाओं को तुरंत hospitalization और intensive care की आवश्यकता होती है। AFLP में emergency delivery life-saving साबित हो सकती है, जबकि PG में specialist dermatological और obstetric care ज़रूरी होती है।

    गर्भावस्था में खुजली का रोकथाम और Self-Care Tips

    गर्भावस्था में खुजली को पूरी तरह टालना संभव नहीं है, लेकिन कुछ साधारण आदतें और self-care routines अपनाकर इसे काफी हद तक कम किया जा सकता है। नियमित hydration, gentle skincare और समय पर prenatal check-ups आपकी और शिशु की सुरक्षा के लिए बेहद ज़रूरी हैं। IVF mothers को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए क्योंकि उनमें hormonal impact और liver stress अधिक होता है।
    • रोज़ाना पर्याप्त पानी और balanced diet लें
    • Fragrance-free moisturizers से त्वचा को hydrated रखें
    • Loose cotton clothes पहनें और त्वचा को आराम दें
    • Prenatal check-ups कभी भी skip न करें
    • IVF mothers को extra vigilance बनाए रखना चाहिए
    कुल मिलाकर, गर्भावस्था में खुजली का इलाज उसके कारण पर निर्भर करता है। हल्के मामलों में lifestyle और skincare tips काफी हैं, लेकिन ICP या AFLP जैसी गंभीर स्थितियों में specialist care और timely medical intervention ही मां और बच्चे दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है।

    क्यों चुनें Vardaan IVF Hospital?

    गर्भावस्था में खुजली आम है, लेकिन कभी-कभी यह serious liver disorder का early warning sign भी हो सकती है। IVF pregnancies में risk और भी अधिक होता है, इसलिए हर symptom को lightly नहीं लेना चाहिए। गर्भावस्था में खुजली जैसी समस्या को समझना और सही तरीके से manage करना केवल अनुभव से ही संभव है। Vardaan IVF Hospital में हमारे पास IVF specialists in Jalandhar, gynecologists और dermatologists की multi-disciplinary team है, जो हर मरीज को holistic care प्रदान करती है। यहां उपलब्ध advanced diagnostic labs (LFT, bile acid testing) और fetal monitoring facilities high-risk और IVF pregnancies के लिए खास तौर पर तैयार किए गए हैं। हम हर मां को personalized pregnancy care plan देते हैं, ताकि symptoms समय रहते पहचाने और treat किए जा सकें। हमारी evidence-based approach, जो international research और Indian clinical data पर आधारित है, हमें विश्वसनीय बनाती है।आज ही हमारी विशेषज्ञ टीम से संपर्क करें और अपनी गर्भावस्था को सुरक्षित व स्वस्थ बनाने की दिशा में पहला कदम उठाएँ।
    Call WhatsApp