भारत में पीरियड्स के दौरान सेक्स को लेकर कई मिथक, सामाजिक वर्जनाएं और सांस्कृतिक विश्वास जुड़े हुए हैं। कई लोग मानते हैं कि मासिक धर्म के दौरान संबंध बनाना असुरक्षित या अशुद्ध होता है, जबकि कुछ इसे फायदे का मानते हैं। लेकिन मेडिकल और हाइजीन के नजरिए से, इसके कुछ संभावित नुकसान हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। संक्रमण का खतरा, असहजता और सफाई से जुड़ी चिंताएं – ये सब नुकसान है पीरियड्स में सेक्स करके से । भले ही यह आम धारणा हो कि पीरियड्स में प्रेग्नेंसी नहीं हो सकती, कई महिलाएं गर्भवती हुई हैं। इसलिए यह ब्लॉग पीरियड में संबंध बनाने के नुकसान जैसे हेल्थ रिस्क, हाइजीन फैक्टर्स और एक्सपर्ट सलाह पर आधारित है।
पीरियड्स के दौरान संबंध बनाने के संभावित स्वास्थ्य जोखिम व नुकसान
अगर आप इन स्वास्थ्य जोखिमों को समझ लेते है तो आपको मासिक धर्म के दौरान यौन स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेकर सही और सूचित निर्णय में आसानी होगी।
पीरियड्स में सेक्स से संक्रमण का खतरा बढ़ता है
पीरियड्स के दौरान संबंध बनाने से बैक्टीरियल और यीस्ट इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इस दौरान सर्विक्स थोड़ा खुला होता है, जिससे बैक्टीरिया आसानी से गर्भाशय तक पहुंच सकते हैं। साथ ही, गर्म और नम वातावरण बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देता है, जिससे बैक्टीरियल वेजिनोसिस (BV) और यीस्ट इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है।
इसके अलावा, एचआईवी और हेपेटाइटिस बी जैसी यौन संचारित बीमारियां (STDs) पीरियड्स के दौरान अधिक फैल सकती हैं, क्योंकि मासिक धर्म के रक्त के सीधे संपर्क में आने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। अगर किसी साथी को पहले से अनजान STD है, तो संक्रमण का जोखिम और भी ज्यादा हो सकता है।
पीरियड्स में सेक्स से अनचाही प्रेग्नेंसी का खतरा बढ़ता है
यह एक आम गलतफहमी है कि पीरियड्स के दौरान प्रेग्नेंसी नहीं हो सकती। हालांकि, अनियमित या छोटे मासिक चक्र वाली महिलाओं में ओव्यूलेशन (अंडोत्सर्जन) और पीरियड्स का अंत आपस में मेल खा सकता है, जिससे गर्भधारण संभव हो सकता है। चूंकि शुक्राणु महिला प्रजनन प्रणाली में 5 दिनों तक जीवित रह सकते हैं, इसलिए पीरियड्स के आखिरी दिनों में असुरक्षित संबंध बनाने से यदि ओव्यूलेशन जल्दी हो जाए, तो प्रेग्नेंसी का खतरा बढ़ सकता है।
पीरियड्स में सेक्स से असहजता और दर्द होना
अधिकांश महिलाओं के लिए, पीरियड्स के दौरान पहले से ही पेट में ऐंठन, सूजन और थकान जैसी समस्याएं होती हैं। ऐसे में इस दौरान संबंध बनाने से गर्भाशय में संकुचन (uterine contractions) बढ़ सकते हैं, जिससे दर्द और ज्यादा हो सकता है। कुछ महिलाओं को योनि में सूखापन, अधिक संवेदनशीलता या पर्याप्त लुब्रिकेशन की कमी का अनुभव हो सकता है, जिससे यह प्रक्रिया आनंददायक की बजाय असहज बन सकती है। इसके अलावा, हार्मोनल बदलाव मूड और दर्द के प्रति संवेदनशीलता को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे कुछ महिलाओं के लिए यह अनुभव ख़राब हो सकता है।
पीरियड्स के दौरान संबंध बनाने से जुड़ी स्वच्छता संबंधी चिंताएं
इन सावधानियों को अपनाने से बेहतर स्वच्छता, आराम और सुरक्षित अनुभव सुनिश्चित किया जा सकता है।
अधिक गंदगी और असहजता का खतरा
पीरियड्स के दौरान संबंध बनाने से मासिक धर्म के रक्त प्रवाह के कारण गंदगी हो सकती है। इससे बेडशीट पर दाग, अप्रिय गंध और दोनों पार्टनर्स के लिए असहजता हो सकती है। कई लोग इस स्थिति को लेकर शर्म या असहजता महसूस कर सकते हैं, जिससे संपूर्ण अनुभव प्रभावित हो सकता है। साथ ही, रक्तस्राव हल्का या भारी हो सकता है, जिससे इसे नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है।
स्वच्छता और हाइजीन बनाए रखना क्यों जरूरी है
अच्छी स्वच्छता बनाए रखना संक्रमण और असहजता को रोकने के लिए जरूरी है।हाथ धोना और जननांगों को साफ करना संक्रमण के खतरे को कम करता है। साथ ही कंडोम का इस्तेमाल न केवल गंदगी को कम करता है बल्कि संक्रमण और अनचाही प्रेग्नेंसी के खतरे को भी घटाता है।अतः डार्क टॉवल या डिस्पोजेबल अंडरपैड्स का उपयोग करने से सफाई बनाए रखना आसान हो सकता है।
जोखिम कम करने के लिए सावधानियां
- संक्रमण और एसटीडी (STDs) से बचाव के लिए कंडोम का उपयोग करें।
- माइल्ड, पीएच बैलेंस्ड क्लींजर से इंटिमेट हाइजीन बनाए रखें।
- अगर ऐंठन या असहजता महसूस हो तो गहरी पैठ (deep penetration) से बचें।
- पानी पिएं और पेशाब करें ताकि बैक्टीरिया बाहर निकल जाए और यूरिन इंफेक्शन (UTI) का खतरा कम हो।
पीरियड्स के दौरान संबंध बनाने के भावनात्मक और मानसिक प्रभाव
इन भावनात्मक और मानसिक पहलुओं को समझना कपल्स को मासिक धर्म के दौरान सेक्स को लेकर सही निर्णय लेने और एक-दूसरे के आराम का सम्मान करने में मदद करता है।
हार्मोनल बदलाव के कारण मूड स्विंग्स
मासिक धर्म के दौरान, हार्मोनल बदलाव के कारण मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन और भावनात्मक संवेदनशीलता बढ़ सकती है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का उतार-चढ़ाव ऊर्जा स्तर और मूड को प्रभावित करता है। इसके कारण कुछ महिलाएं इंटिमेसी में कम रुचि महसूस कर सकती हैं, जबकि कुछ की भावनाएं अधिक तीव्र हो सकती हैं, जिससे उनका आराम और संबंध बनाने की इच्छा प्रभावित हो सकती है।
संभावित मानसिक असहजता या शर्मिंदगी
भारतीय समाज में, पीरियड्स से जुड़े सांस्कृतिक टैबू और सामाजिक धारणाएं इसे लेकर शर्म या असहजता महसूस करने का कारण बन सकती हैं। कई महिलाएं मासिक धर्म के रक्त, गंध या स्वच्छता को लेकर आत्म-सचेत महसूस करती हैं, जिससे मानसिक तनाव और असहजता हो सकती है। यह आत्मविश्वास को प्रभावित कर सकता है और संकोच या चिंता का कारण बन सकता है। अगर साथी असहज महसूस करता है, तो यह अजीब स्थिति पैदा कर सकता है, जिससे भावनात्मक जुड़ाव कम हो सकता है।
रिश्ते और इंटिमेसी पर प्रभाव
कुछ कपल्स मानते हैं कि पीरियड्स के दौरान इंटिमेसी से भावनात्मक संबंध मजबूत होते हैं, लेकिन कुछ के लिए यह आकर्षण कम होने या हिचकिचाहट का कारण बन सकता है। अगर एक साथी असहज महसूस करता है, तो इससे बात चीत की कमी और रिश्ते में गलतफहमियां हो सकती हैं। इसलिए, व्यक्तिगत आराम पर चर्चा करना और सीमाएं तय करना एक स्वस्थ और सम्मानजनक संबंध बनाए रखने के लिए जरूरी है।
पीरियड्स के दौरान सेक्स में डॉक्टर्स और रिसर्च का क्या कहना है ?
मेडिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार, पीरियड्स के दौरान संबंध बनाना आमतौर पर सुरक्षित होता है, जब तक कि यह किसी तरह की असहजता या स्वास्थ्य समस्या न पैदा करे। कुछ स्टडीज़ के अनुसार, गर्भाशय के संकुचन (uterine contractions) के कारण पीरियड क्रैम्प्स में राहत मिल सकती है। हालांकि, डॉक्टर इस दौरान यौन संचारित रोगों (STDs), बैक्टीरियल संक्रमण और यहां तक कि एंडोमेट्रियोसिस जैसी स्थितियों के संभावित खतरे की ओर भी इशारा करते हैं, भले ही इसकी संभावना कम हो। इसके अलावा, अनियमित या छोटे मासिक चक्र वाली महिलाओं में अनचाही प्रेग्नेंसी का खतरा बना रहता है।
अगर अपने पार्टनर के संबंध बनाना चुनते हैं तो किन बातों का ध्यान रखें?
जो कपल्स पीरियड्स के दौरान इंटिमेसी बनाए रखना चाहते हैं, उनके लिए डॉक्टर निम्नलिखित सावधानियां अपनाने की सलाह देते हैं:
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- प्रॉटेक्शन का इस्तेमाल करें – कंडोम का इस्तेमाल संक्रमण और अनचाही प्रेग्नेंसी के खतरे को कम करता है।
- स्वच्छता बनाए रखें – दोनों पार्टनर्स को इंटरकोर्स से पहले और बाद में जननांगों की सफाई करनी चाहिए।
- आरामदायक माहौल चुनें – डार्क टॉवल या वॉटरप्रूफ शीट्स का उपयोग करने से गंदगी और असहजता कम की जा सकती है।
- आराम का ध्यान रखें – अगर दर्द या असहजता महसूस हो तो साथी से खुलकर बात करें।
पीरियड्स के दौरान सुरक्षित विकल्प सीधे सम्भोग से बचने के लिए
अगर संभोग असहज लगता है, तो कपल्स बिना पैठ (non-penetrative) वाली इंटिमेसी के विकल्प अपना सकते हैं, जैसे:
- कडलिंग, मसाज और इमोशनल बॉन्डिंग
- ओरल या मैनुअल स्टिमुलेशन (साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखते हुए)
- हल्के फ्लो वाले दिनों का इंतजार करना या साइकल के अंत में इंटिमेसी को प्राथमिकता देना
साथ ही डॉक्टर्स इस बात पर जोर देते हैं कि खुले बातचीत और आपसी सहमति ही मासिक धर्म के दौरान संभोग को लेकर सही निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं।
अंतिम विचार: पीरियड्स के दौरान सेक्स के नुकसान
हालांकि पीरियड्स के दौरान सेक्स मेडिकल रूप से सुरक्षित माना जाता है, लेकिन इसमें संक्रमण, अनचाही प्रेग्नेंसी और स्वच्छता से जुड़ी चिंताओं का खतरा बना रहता है। स्वास्थ्य प्रभावों, भावनात्मक पहलुओं और विशेषज्ञों की सलाह को समझकर सही निर्णय लेना जरूरी है। अगर इस दौरान संबंध बनाना चाहते हैं, तो अच्छी स्वच्छता बनाए रखना, सुरक्षा उपायों (जैसे कंडोम) का उपयोग करना और आपसी सहमति सुनिश्चित करना आवश्यक है।
खुलकर बातचीत करने से न केवल इंटिमेसी मजबूत होती है बल्कि रिश्ते में भी सामंजस्य बना रहता है। यौन स्वास्थ्य और स्वच्छता को प्राथमिकता देना सुरक्षित और आरामदायक अनुभव के लिए जरूरी है। व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए हमेशा किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ (Gynecologist) से परामर्श करें, ताकि आप अपने स्वास्थ्य के लिए सबसे सही निर्णय ले सकें।